सामाजिक सरोकार
ज्ञान छिपाने की “कला” कल्याणमय नहीं !
2008 के शुरू में ( संभवतः फरवरी में, तिथि याद नहीं ) ” क़ौमी आवाज़ ” ( उर्दू दैनिक ) के देहली संस्करण में अंतिम पृष्ठ पर एक ख़बर छपी थी , जिसमें लखनऊ के एक शोहरतयाफ़्ता हकीम साहब की रहलत यानी मृत्यु की सूचना दी गई थी। साथ में Read more…