खबरनामा
आर टी ई फीस प्रतिपूर्ति मामले में सरकार की फ़ज़ीहत
आर टी ई फीस प्रतिभूति मामले में सरकार को झटका लगा है | हाईकोर्ट ने एक फ़ैसले में मामले की सुनवाई एक अक्टूबर 2019 को मुक़र्रर की है |
आर टी ई फीस प्रतिभूति मामले में सरकार को झटका लगा है | हाईकोर्ट ने एक फ़ैसले में मामले की सुनवाई एक अक्टूबर 2019 को मुक़र्रर की है |
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बावजूद कि बैंक एकाउंट और मोबाइल सिम के लिए आधार आवश्यक नहीं है, सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया की नई दिल्ली स्थित सुखदेव विहार शाखा में जबरन आधार संख्या ही नहीं आधार आधारित ‘थंब प्रिंट’ लिए जा रहे हैं | यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश Read more…
इस देश का दुर्भाग्य है कि यहाँ पर अक्सर हर स्तर पर उपभोक्ताओं का शोषण दोहन ही नहीं उनके साथ छलकपट धोखाधड़ी की जाती है। उपभोक्ता चाहे जिस क्षेत्र से जुड़ा हो उसे बलि का बकरा बनाने का दौर शुरू हो गया है और विभिन्न कम्पनियों की उपभोक्ताओं के साथ Read more…
कहावत है कि आज कुछ बदलते दौर में जो कोर्ट – कचहरी और बीमारी से बच जाए उससे बड़ा कोई सौभाग्यशाली कोई नहीं होता है, क्योंकि दोनों जगहों पर खर्चे की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। कोर्ट – कचहरी में जिस तरह खर्च कोई सीमा नहीं होती है, उसी तरह Read more…
कहावत है कि -“खेत खाय गदहा मार खाय जुलाहा ” | कुछ इसी तरह की घटना विगत दिनों बुलंदशहर के एक गाँव में पुलिस के साथ हुई है, जिसमें गुनाह किसी ने किया और सजा दूसरे को मिल गयी। इस घिनौनी घटना में एक बेगुनाह पुलिस अधिकारी एवं एक नागरिक Read more…
इस देश के राजनीतिं की यह खास बात है कि जिस मुद्दे को लेकर जनमत लामबंद हो जाता है राजनैतिक मतलबी झटपट अपना रूप स्वरूप बदलकर उस मुद्दे के पक्ष में आकर मुद्दा उठाने वाले को अपना अगुआ मान लेते हैं चाहे बाबा टिकैत की किसान यूनियन रही हो चाहे Read more…
राजधानी की सड़कें एक बार फिर देशभर से आए किसानों के नारों से गूंजती रहीं। लेकिन प्रश्न यह है कि विभिन्न राजनीतिक दलों, कृषक समूहों और समाजसेवी संगठनों की पहल पर दिल्ली आए किसानों को एकत्र करने का मकसद अपनी राजनीति चमकाना है या ईमानदारी से किसानों के दर्द को Read more…
एक कहावत का भाव यह है कि जो डोली मेंं बैठी दुल्हन की रखवाली करने के लिए साथ चल रहे वहीं दुल्हन की इज्ज़त के लिये खतरा हैं। कुछ यहीं हालात बिहार सरकार की है और यहाँ पर अनाथालय में रहने वाली बालिकाओं को आबरू सुरक्षित नहीं है।अनाथालय में रहने Read more…
हमारे देश में आज से नहीं बल्कि आदिकाल से नारी को शक्तिस्वरूपा माना जाता है और कहा भी गया है कि-” जहाँ पर नारी निवास करती है वहां पर उसके आसपास देवता लोग रमण करते हैं।इसीलिए गृहस्थ आश्रम में नारी को गृहलक्ष्मी कहा जाता है और कहा गया है कि-“बिन Read more…
राजस्थान में मतदान का समय जैसे-जैसे नज़दीक आता जा रहा है, चुनावी समीकरण ज्वारभाटे की तरह बदल रहे हैं। प्रारंभिक परिदृश्यों में कांग्रेस भाजपा पर भारी साबित होती दिख रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ताजा चुनावी सभाएं भाजपा की हारी बाजी को Read more…
इस देश में किसानों को भगवान कहा जाता है क्योंकि भगवान के बाद किसान पेट भरता है। किसान मनुष्यों ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों जीव जन्तुओं तक का पेट भरता है।किसान जब खुशहाल रहता है तो उससे जुड़े सभी खुशहाल रहते हैं और जब वह दुखी रहता है तो सभी Read more…
इस देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम आज से नहीं बल्कि मुग़ल काल से चला आ रहा है और समय – समय तमाम ऐसे सूफी संत – महात्मा इस धरती पर अवतरित हुए हैं जो इंसानियत का पैग़ाम देकर साम्प्रदायिकता की आग को बुझाते रहे हैं। आज जबकि देश साम्प्रदायिक आग Read more…
लोकतंत्र में संविधान किसी को भी मनमानी धोखाधड़ी करके सत्ता हथियाने का अधिकार नहीं देता है क्योंकि लोकतंत्र में जनमत का मुख्य स्थान होता है। लोकतंत्र में जनमत जिसके पास सबसे ज्यादा और दो तिहाई बहुमत होता है उसी को सरकार बनाने का हक होता है। लोकतंत्र में चाहे राष्ट्रीय Read more…
लम्बी दूरी के सफर को आसान बनाने के लिए सीधे सुंदर सुगम रास्ते की जरूरत होती है जिससे लोग कम समय में लम्बी दूरी आसानी से और सुरक्षित तय कर सके।वैसे हमारे देश में आजादी के बाद सड़कों का एक बड़ा जाल बिछाया गया है लेकिन ज्यों ज्यों सड़कें बनती Read more…
कहते हैं आतंकी और आतंकवाद की कोई जाति धर्म मजहब नहीं होता है इसीलिए उसे न तो हिन्दू कहा जा सकता है और न ही मुसलमान सिख ईसाई ही कहा जा सकता है। हमारे देश में आजादी के बाद से ही हमारा पड़ोसी प्रायोजित आतंकवाद चलाया जा रहा है और Read more…