खबरनामा

पुलिस भर्ती में महिला आरक्षण, योगी सरकार का बड़ा क़दम

हमारे देश में आज से नहीं बल्कि आदिकाल से नारी को शक्तिस्वरूपा माना जाता है और कहा भी गया है कि-” जहाँ पर नारी निवास करती है वहां पर उसके आसपास देवता लोग रमण करते हैं।इसीलिए गृहस्थ आश्रम में नारी को गृहलक्ष्मी कहा जाता है और कहा गया है कि-“बिन Read more…

खबरनामा

राजस्थान में ऊंट किस करवट बैठेगा?

राजस्थान में मतदान का समय जैसे-जैसे नज़दीक आता जा रहा है, चुनावी समीकरण ज्वारभाटे की तरह बदल रहे हैं। प्रारंभिक परिदृश्यों में कांग्रेस भाजपा पर भारी साबित होती दिख रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ताजा चुनावी सभाएं भाजपा की हारी बाजी को Read more…

खबरनामा

धान खरीद शुरू न होने से बेहाल उत्तर प्रदेश के किसान 

इस देश में किसानों को भगवान कहा जाता है क्योंकि भगवान के बाद किसान पेट भरता है। किसान मनुष्यों ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों जीव जन्तुओं तक का पेट भरता है।किसान जब खुशहाल रहता है तो उससे जुड़े सभी खुशहाल रहते हैं और जब वह दुखी रहता है तो सभी Read more…

खबरनामा

सांप्रदायिक सद्भाव संतों – फ़क़ीरों की देन 

इस देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम आज से नहीं बल्कि मुग़ल काल से चला आ रहा है और समय – समय तमाम ऐसे सूफी संत – महात्मा इस धरती पर अवतरित हुए हैं जो इंसानियत का पैग़ाम देकर साम्प्रदायिकता की आग को बुझाते रहे हैं। आज जबकि देश साम्प्रदायिक आग Read more…

खबरनामा

कश्मीर – धोखाधड़ी से सरकार क्यों ?  

लोकतंत्र में संविधान किसी को भी मनमानी धोखाधड़ी करके सत्ता हथियाने का अधिकार नहीं देता है क्योंकि लोकतंत्र में जनमत का मुख्य स्थान होता है। लोकतंत्र में जनमत जिसके पास सबसे ज्यादा और दो तिहाई बहुमत होता है उसी को सरकार बनाने का हक होता है। लोकतंत्र में चाहे राष्ट्रीय Read more…

खबरनामा

समय कम करने के लिए एक्सप्रेसवे निर्माण का औचित्य  

लम्बी दूरी के सफर को आसान बनाने के लिए सीधे सुंदर सुगम रास्ते की जरूरत होती है जिससे लोग कम समय में लम्बी दूरी आसानी से और सुरक्षित तय कर सके।वैसे हमारे देश में आजादी के बाद सड़कों का एक बड़ा जाल बिछाया गया है लेकिन ज्यों ज्यों सड़कें बनती Read more…

खबरनामा

 पंजाब में प्रायोजित आतंकवाद 

कहते हैं आतंकी और आतंकवाद की कोई जाति धर्म मजहब नहीं होता है इसीलिए उसे न तो हिन्दू कहा जा सकता है और न ही मुसलमान सिख ईसाई ही कहा जा सकता है। हमारे देश में आजादी के बाद से ही हमारा पड़ोसी प्रायोजित आतंकवाद चलाया जा रहा है और Read more…

खबरनामा

 विधानसभा चुनाव भावी राजनीति की दिशा तय करेंगे 

आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इस समय हो रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि इन चुनाव के परिणामों से मतदाताओं के रुख़ को जाना जा सकता है। इन चुनावी राज्यों में तीन राज्यों छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के चुनावों की ओर सभी की निगाहें Read more…

खबरनामा

छत्तीसगढ़ चुनाव में नक्सली भूमिका ?

लोकतंत्र में सत्ता चलाने के लिए राजनीति को माध्यम बनाया गया है और राजनीति के माध्यम से जनमत के आधार पर बहुमत पाने वाले को सरकार चलाने की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। राजनीति के लिये राजनैतिक दलों का गठन करके उसे अपने विचारों एवं कार्यों से जनता को प्रभावित Read more…

खबरनामा

अनंत का अनंत में विलीन होना 

केन्द्रीय मंत्री अनन्त कुमार का अचानक अनन्त की यात्रा पर प्रस्थान करना न केवल भाजपा बल्कि भारतीय राजनीति के लिए दुखद एवं गहरा आघात है। उनका असमय  देह से विदेह हो जाना सभी के लिए संसार की क्षणभंगुरता, नश्वरता, अनित्यता, अशाश्वता का बोधपाठ है। वे कुछ समय से कैंसर से Read more…

खबरनामा

सेवाभावी बनेआयुष्मान योजना 

आजकल चिकित्सा सुविधा इतनी महंगी हो गई है कि तमाम गरीब पैसे के अभाव में अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं और अकाल काल के गाल में समा जाते हैं।एक समय था जबकि इलाज सेवाभाव से होता था | इसीलिए डाक्टरों को भगवान कहा जाता था और डाक्टर भी मरीजों Read more…

खबरनामा

राइस मिलों की हड़ताल से पूरे उ.प्र. में धान की ख़रीद टली 

सरकार ने भले ही किसानों के धान का उचित मूल्य दिलाने के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी सरकारी खरीद करने की तिथि तय कर दी हो लेकिन नियत तिथि पर खरीद शुरू नहीं हो सकी है।धान की सरकारी खरीद पहली नवम्बर से शुरू होनी थी, लेकिन प्रदेश Read more…

खबरनामा

नफ़रत का तूफ़ाने अज़ीम

देश में सांप्रदायिकता कितनी गहरी पैठ बना रही है, इसका कुछ अंदाज़ा उस वक़्त हुआ, जब देश की राजधानी दिल्ली के मालवीय नगर के बेगमपुर गांव क्षेत्र में आठ वर्षीय मदरसा छात्र मुहम्मद अज़ीम की मॉब लिंचिंग कर दी गई ! उसकी पीट – पीटकर हत्या कर दी गई | Read more…

खबरनामा

पटाखे कितने फूटे, पता चलेगा दीपपर्व पर ? 

भारत को पर्वो – त्योहारों एवं श्रद्धा आस्था का देश माना जाता है और भारतवंशी दुनिया में जहाँ – जहाँ पर भी रहते हैं वह भारतीय पर्वो त्यौहारों को आज से नहीं बल्कि आदिकाल से परम्परागत ढंग से मनाते चले आ रहे हैं। होली में रंग खेलने फगवा गाने की Read more…

खबरनामा

कलयुगी नक़ली भगवानों का संकट !

भारतवर्ष सूफी संत महात्माओं देवी देवताओं ही नहीं बल्कि साक्षात भगवान विष्णु की प्रिय जन्म एवं कर्मस्थली माना जाता है। ग्रंथों पुरुणों एवं इतिहास में वर्णित अधिकांश  सूफी संतों महात्माओं देवी देवताओं की कर्मभूमि भारत की धराधाम से जुड़ी हुई है। यहाँ पर राम, कृष्ण परशुराम, महाबीर, कबीर, रहीम, मीराबाई, Read more…