अतिथि लेखक/पत्रकार

सपनों की सुन्दरता पर यक़ीन करें 

सफल जिंदगी के लिये चुनौतियां होना जरूरी है। कुछ चुनौतियों से आप आसानी से पार पा लेते हैं, पर कुछ आपसे खुद को बदलने की मांग करती हैं। कामयाबी इस पर निर्भर करती है कि आप कितने बेहतर ढंग से खुद को बदल पाते हैं? चुनौतियों से पार पाने के Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

आर्थिक आरक्षण की सुबह

  नरेन्द्र मोदी सरकार ने आर्थिक निर्बलता के आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण देने का जो फैसला किया है वह निश्चित रूप से साहिसक कदम है, एक बड़ी राजनीतिक पहल है। इस फैसले से आर्थिक असमानता के साथ ही जातीय वैमनस्य को दूर करने की दिशा में नयी फ़जाएं उद्घाटित Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

हमें अपनी जड़ों को सींचना होगा

हम सब अच्छे जीवन, सफलता और शुभ-श्रेयस्कर होने की कामना करते हैं लेकिन जीवन तो उतार और चढ़ाव का खेल है। हम सभी कभी न कभी अवसाद और तनाव से आहत होते हैं, तो कभी दुःखों से हमारा साक्षात्कार होता है। दुःखों एवं पीड़ाओं का एहसास निरन्तर बना रहता है। Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

आतंकी हमले की दसवीं बरसी पर महान संकल्प 

पूरे देश में दस साल पहले बम्बई में हुए आतंकी हमले की दसवीं बरसी पर इस घटना में मारे गये लोगों को भावपूर्ण श्रद्धाजंलि देते हुए उन्हें याद किया गया और इसकी पुनरावृत्ति न होने के लिए कड़ी निगहबानी करने का संकल्प लिया गया। यह हमला पाकिस्तान द्वारा 26/11/2008  में Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

नहीं चाहिए लूट – खसोट की पत्रकारिता 

पत्रकारिता की शुरुआत मिशन के रूप समाजिक समरसता एवं राष्ट्रीय एकता अखंडता को बनाये रखने के लिए आजादी मिलने के समय की गई थी। वैसे पत्रकारिता के क्षेत्र में नारद जी को पत्रकारिता का आदिगुरु एवं आदिपत्रकार कहा जा सकता है, क्योंकि पहले व्यक्ति थे जो  तीनों लोको का भ्रमण Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

अयोध्या में 1992 जैसे हालात ?

    अगर प्रौराणिक ग्रन्थों एवं इतिहास को साक्षी मानकर देखा जाय तो यह सही है कि त्रेतायुग में अवध क्षेत्र में विष्णु भगवान ने अपने वायदे के मुताबिक अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट प्रथम आदिपुरुष एवं आदिनारी मनु सतरूपा के वंशज महाराजा दशरथ के यहाँ अपने चार भाइयों के साथ Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

सफल जीवन के लिए नई राहें बनाएं

धूप और छांव की तरह जीवन में कभी दुःख ज्यादा तो कभी सुख ज्यादा होते हैं। जिन्दगी की सोच का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि जिन्दगी में जितनी अधिक समस्याएं होती हैं, सफलताएं भी उतनी ही तेजी से कदमों को चुमती हैं। बिना समस्याओं के जीवन के कोई मायने Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

हादसों एवं लापरवाही की खूनी सड़कें

‘दुर्घटना’ एक ऐसा शब्द है जिसे पढ़ते ही कुछ दृश्य आंखांे के सामने आ जाते हैं, जो भयावह होते हैं, त्रासद होते हैं, डरावने होते हैं। किस तरह लापरवाही एवं महंगी गाड़ियों को सड़कों पर तेज रफ्तार में चलाना एक फैशन बनता जा रहा है, उसकी ताजी एवं भयावह निष्पत्ति Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

देश की एकता – अखंडता के लिए सिरदर्द बना रामजन्मभूमि – बाबरी विवाद 

आजादी के बाद से देश की कौमी एकता अखंडता के लिये सिरदर्द बना रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद का विवाद लगातार राजनैतिक महत्वाकांक्षा का शिकार बना विकास में बाधक बना हुआ है और करोड़ों रुपये सरकारी खजाने का सिर्फ इसकी सुरक्षा के नाम पर हर महीने बरबाद हो रहा है।बीच – बीच Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

सबरीमाला मंदिर में प्रवेश – सरकार क़ानून बनाए

हमारे यहाँ आज से नहीं बल्कि आदिकाल से नारी को मासिक धर्म के समय अपवित्र माना जाता है और यह सही भी है कि स्त्री इस दौरान अशुद्ध रहती है। आज भी महिलाएं इस दौरान अशुद्ध रहती हैं एवं तमाम दैनिक व धार्मिक कार्य बाधित रहते हैं।नारी का जितना खून Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

भ्रष्टाचार के आग़ोश में सीबीआई 

रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार जैसे इस दौर का शौक बन गया है और अधिकांश लोग अपने को धनवान भालाशाह साबित करने के लिए इस श्रंगार को कर रहे हैं। सभी जानते हैं कि इस देश में चंद लोगों को छोड़कर सभी लोग खूबसूरती के लिए श्रंगार जरूर करते हैं और कुछ ही Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

यक़ीनी बनाएं, दोबारा ट्रेन ‘एटम बम’ न बने ! 

  इसे दुर्भाग्य ही कहा जायेगा जबकि पूरा देश नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन विजयदशमी की खुशी में जगह जगह आयोजित होने वाले रावण वध कार्यक्रमों का आनंद से रहा था उसी बीच ऐसा तूफान आया कि देशवासियों के चेहरे की खुशी गम मे बदल गयी।जिस समय रावण का पुतला Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे

आज विजय दशमी का पावन अवसर है और आज ही देर सबेर नारी शक्ति को अपमानित कर अधर्म अन्याय की डगर पर चलकर राक्षसराज लंकापति रावण संत महात्माओं का खून जजिया टैक्स के रूप में वसूलता था।आज हम सबसे पहले अपने सभी शुभचिंतकों पाठकों अग्रजों को असत्य पर सत्य एवं Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

धरोहरों एवं पहचान के साथ राजनीति उचित नहीं

इस देश का दुर्भाग्य है कि यह आज़ादी के समय से ही संकीर्ण राजनैतिक शतरंज का मोहरा बना हुआ है और जब जिसका दिल चाहता है वह इसे राजनैतिक दाँव पर लगा देता है। संक्रीण राजनीति ही थी जिसके चलते आजाद हिन्द सरकार और आजाद हिन्द सेना के विंग कमांडर Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

ए एम यू में क्यों होते हैं बार – बार विवाद ?

    सभी जानते हैं कि राष्ट्र से बड़ा कोई नहीं होता है, इसीलिए राष्ट्रीय एकता और अंखडता से कोई समझौता नहीं होता है। जो राष्ट्र विरोधी है वह देश का दोस्त नहीं बल्कि दुश्मन के समान होता है और उसके साथ मुरव्वत करना देश के साथ गद्दारी करने जैसा Read more…