जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर  हुए  आतंकी कायराना हमले में  हमारे देश के कई रणबांकुरे सैनिकों की जान चली गई थी।  यह हमला हमारे पड़ोसी देश के आतंकी संगठन जैसे मोहम्मद द्वारा जम्मू कश्मीर की सरजमी से कराया गया है। जम्मू कश्मीर में पनप रहा आतंकवाद वहां के कुछ राजनीतिक दलों के संरक्षण के चलते पुष्पित एवं पल्लवित हो रहा है। जो आतंकी नर्सरी अब तक पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर पैदा कर रहा था, वह अब उसके के संरक्षण में गुलाम कश्मीर के साथ आजाद जम्मू कश्मीर में भी चलाने लगा है | जम्मू कश्मीर में  पनप रहे आतंकवाद को चंद सिक्को के लिए वहां के राजनीतिज्ञों द्वारा  संरक्षित किया जा रहा है। वहां के कुछ राजनैतिक दल खाते पीते रहते तो हिंदुस्तान की सरजमी पर हैं , लेकिन रात दिन काम करते और गुणगान गाते और झंडा लहराते हैं हमारे पड़ोसी दुश्मन देश और आतंकियों का। राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में देश की जान एव स्वर्ग माने जाने वाले  कश्मीर को लेकर पनप रहा आतंकवाद आजादी के समय से  घटने की जगह अपनी चरम पर पहुंचा जा रहा है। अब तक न जाने हमारे कितने बेगुनाह नागरिकों की जानों के साथ हमारे बहादुर सैनिकों की जान जा चुकी है और यह क्रम आज भी लगातार जारी है। जम्मू कश्मीर के  राजनेता भारत विरोधी ताकतों तथा आतंकवादियों को पनाह ही नहीं देते हैं बल्कि आतंकियों के समर्थन में हमारी सेना पर पत्थर फेंकते हैं और हमले करते हैं। ऐसे राजनीतिक नेताओं को उपलब्ध कराई गई सुरक्षा कवच तत्काल वापस लेने की आवश्यकता है। अब पांच हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई है, जो एक अच्छा क़दम है |

हमले में हमारे बहादुर जवानों की हुई शहादत से पूरा देश गुस्से में है और वह तत्काल 40 के बदले 40 हजार पाकिस्तानी सैनिकों एवं आतंकियों की जान का बदला चाहता है। जन भावनाओं को देखते हुए इस पर कठोर रुख अख्तियार के ऐसे नापाक इरादा रखने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर देशवासियों की भावनाओं का आदर करे।  घटना के दूसरे दिन पूरे देश में जिस तरह से घटना के विरोध में आक्रोश व्यक्त करते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए और सरकार से तुरंत मुंह तोड़ जवाब देने की मांग की गई तथा साथ ही आतंकियों को समर्थन देने  वालों को नेस्तनाबूद करने की अपील की थी। सरकार की तरफ से देशवासियों को आश्वासन दिया गया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जहां हमला करने वाले आतंकियों उनके आकाओं तथा उन्हें संरक्षण देने वाले दुश्मन देश पाकिस्तान से साफ शब्दों में दो टूक कह दिया गया है कि अब बर्दाश्त नहीं है और उनके इस घिनौने कृत की सजा उन्हें जरूर मिलेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इसी तरह देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अस्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि जो लोग हमारे देश की सुरक्षा कवच के बीच रहकर पड़ोसी देश के इशारे पर आतंकियों को संरक्षण देकर आतंकियों को संरक्षण दे रहे हैं उनकी सुरक्षा तत्काल वापस ले ली जाएगी और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे विपक्षी दलों के नेताओं ने देश के प्रति एकजुटता दिखाते हुये इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए श्रद्धाजंलि देकर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।हमले में शहीद हुए सैनिकों के शव उनके गांव रवाना होने के बाद पूरे देश में मातमी माहौल छा गया है और शहीद परिवार के ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोग बदला लेने की मांग कर रहे हैं। यही कारण है की सरकार ने जन भावनाओं को देखते हुए कठोर कार्रवाई करने का मन बनाया है लेकिन वह कठोर कार्रवाई क्या होगी और कब होगी यह जानने के लिए लोग बेताब हैं क्योंकि अब पानी सिर के ऊपर पहुंच चुका है और आगे बर्दाश्त करना देश की अस्मिता को खतरे में डालने जैसा होगा। हालांकि सरकार ने हमले के खिलाफ मनमानी कड़ी कार्रवाई करने की छूट सेना को दे दी है और सेना अपनी बदले की रणनीति को तैयार करने में जुट गई है। देशवासियों को अपनी सेना पर गर्व है और विश्वास है कि हमारी सेना के बहादुर नौजवान किसी भी तरह की कार्यवाही करने में सक्षम है और वह भी इसका बदला लेने के लिए बेताब हैं। फिलहाल अब देखना यह है कि सरकार किस तरह से पड़ोसी पाकिस्तान और इस हमले के जिम्मेदार जैश मोहम्मद संगठन और घटना में शामिल लोगों से बदला किस तरह लेकर उन्हें सबक सिखाती है।अब समय आ गया है कि पाकिस्तान के संरक्षण में दुनिया में चल रहे आतंकी संगठनों का सफाया करके इस्लामिक स्टेट का उनका सपना चकनाचूर कर दिया जाय। पूरा देश बदले का इन्तिज़ार कर रहा है।

भोलानाथ मिश्र

वरिष्ठ पत्रकार, रामसनेहीघाट, बाराबंकी, यूपी

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