एक अमेरिकन साइबर एक्सपर्ट ने, जो भारतीय मूल का है, ई वी एम मशीनों को टैम्पर करने का कथित ख़ुलासा करके देश की सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों को निशाने पर ले लिया है | इस एक्सपर्ट द्वारा ई वी एम मशीनों के साथ छेड़छाड़ के दावों के बीच देश में एक बार फिर इन मशीनों के इस्तेमाल को लेकर माहौल गरमा गया है | चुनाव आयोग ने इसे नामुमकिन क़रार दिल्ली पुलिस में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई है, जबकि इस पर राजनीतिक पार्टियों की भिन्न – भिन्न प्रतिक्रियाएं आयी हैं | साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजाअ ने दावा किया है कि भारत में 2014 के आम चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन हैक की गई थी। सभी बड़ी पार्टियों समेत 12 पार्टियों ने हैकिंग कराई ! कथित एक्सपर्ट के मुताबिक़, भाजपा, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी भी ईवीएम हैकिंग में शामिल हैं। सैयद शुजाअ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आम आदमी पार्टी ने उनसे मुलाकात कर ईवीएम हैकिंग को डेमोन्स्ट्रेट करने की मांग की थी ,लेकिन उसने यह मांग ठुकरा दी। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन के बारे में उसने दावा किया कि इस कंपनी के पास डेटा ट्रांसमिट के लिए नेटवर्क है और इसका लाभ भाजपा को मिला है। सैयद शुजाअ के दावे बेहद चौंकाने वाले हैं | शुजाअ के मुताबिक, ‘हिंदुस्तान में 9 सेंटर ऐसे हैं जहां से डेटा ट्रांसमिट होते हैं। कर्मचारियों को पता नहीं कि वे क्या कर रहे हैं। उन्हें यही पता होता है कि वे डेटा इंट्री कर रहे हैं। भाजपा के लोगों को अगर भनक नहीं लगी होती तो छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी उनकी पार्टी आसानी से जीत जाती.| उसने कहा कि 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में डेटा ट्रांसमिशन को रोक दिया गया, तभी आप 70 में 67 सीटें जीत गई, अन्यथा भाजपा सभी सीटें जीत ले जाती। इसी बीच यह भी दावा किया जा रहा है कि सैयद शुजाअ उस टीम के सदस्य रहे हैं, जिन्होंने भारत की ईवीएम को डिजाइन किया था। इस एक्सपर्ट ने गत 21 जनवरी 2019 को लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और ई वी एम हैकिंग का ख़ुलासा लगभग साढ़े चार साल बाद किया तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये हैकिंग की अपनी बात रखी। लंदन में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी मौजूदगी चर्चा और विस्मय का विषय रही | सैयद शुजाअ ने एक चौंकाने वाला दावा यह भी किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की हत्या हुई थी, न कि दुर्घटना, क्योंकि उन्हें ई वी एम हैकिंग की जानकारी थी। सैयद शुजाअ का कहना था कि कई पार्टियों ने उनसे संपर्क कर जानने की कोशिश की कि कैसे ईवीएम को हैक किया जा सकता है। इन पार्टियों में सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी भी शामिल हैं। ‘सपा-बसपा हमसे मिले और जानना चाहा कि हैकिंग में क्या कुछ हो सकता है। हमने कांग्रेस से मुलाकात की और मदद का भरोसा दिलाया। आम आदमी पार्टी हैक का तरीका जानना चाहती थी, क्योंकि उसे दुनिया को ईवीएम हैक कर दिखाना था। सैयद शुजाअ ने यह गंभीर आरोप भी लगाया कि 2017 में कर्नाटक की पत्रकार गौरी लंकेश की भी हत्या हुई, क्योंकि वे ईवीएम हैकिंग पर ख़बर छापने वाली थीं।

भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की हत्या इसलिए हुई क्योंकि उन्हें हैकिंग की जानकारी थी। ‘एनआईए अधिकारी तंजिल अहमद मुंडे की मौत को हत्या बताते हुए एफआईआर दाखिल करने वाले थे, लेकिन उन्होंने आत्महत्या कर ली।’ इस ख़ुलासे से कुछ राजनीतिक पार्टियां बेहद परेशान हैं | भाजपा जो प्रतिक्रिया सामने आई, वह अपने को ही बचाने वाली थी | इसका भारतीय लोकतंत्र कितना प्रभावित होता है, इससे कोई सरोकार न था | केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन राजनीति से प्रेरित है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने के लिए कपिल सिब्बल को उस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भेजा। कांग्रेस ईवीएम को लेकर लगातार दुष्प्रचार कर रही है। इस पर कांग्रेस ने यह कहकर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया कि कपिल सिब्बल निजी तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वहीं खुद कार्यक्रम के आयोजक इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने भारत से सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था। नकवी ने कांग्रेस को घेरते और मणि शंकर अय्यर की ओर संकेत करते हुए कहा कि “कांग्रेस के कई फ्रीलांसर हैं जो मोदी जी को हटाने के लिए पाकिस्तान भी चले जाते हैं। वे आगामी चुनावों में अपनी संभावित हार का हैकिंग हॉरर शो बना रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “कपिल सिब्बल अचानक वहां नहीं गए | कांग्रेस, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने उन्हें वहां भेजा,जिन लोगों को भी देश और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने की सुपारी दी गई है | उस सुपारी को लेकर यहां से कोई डाकिया तो जाना चाहिए न. तो वह डाकिया भेजा गया था।” मगर एक्सपर्ट के किसी दावे का उत्तर नक़वी ने नहीं दिया | उल्लेखनीय है कि एक्सपर्ट ने कहा था कि कि ” हमारी टीम हैकिंग को लेकर भाजपा के नेताओं से हैदराबाद में मिलने वाली थी, लेकिन हमने सोचा कि हम ईवीएम बारे में जो जानते हैं उसे लेकर उन्हें ब्लैकमेल करेंगे।” दावा किया गया कि जब उनकी टीम बीजेपी नेताओं से हैदराबाद के एक उपनगरीय इलाकों में मिलने जा रही थी, उनकी टीम पर गोलियां चलाई गईं लेकिन वे बच गए। शूजाअ ने यह भी कहा कि ”इस गोलीबारी को ढकने के लिए हैदराबाद के किशनगढ़ में एक सांप्रदायिक दंगा भी कराया गया | हमारा जो साथी मारा गया उसे दिखा दिया गया कि लोगों ने उसकी हत्या की है।” भाजपा ने ई वी एम की हैकिंग की बात को पूरी तरह से मनगढ़ंत करार देते हुए खारिज किया है। भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि लंदन में जो भी दावे किये गए हैं, वे बेसिर पैर के हैं और बात को साबित करने के लिए एक भी सबूत नहीं रखे गए हैं। इसी से साबित हो जाता है कि यह चुनाव के समय सनसनी फैलाने की गलत कोशिश है। मालवीय ने कहा कि ईवीएम पर जब शंकाएं खड़ी की गई थीं, तब चुनाव आयोग ने हैकेथान प्रतियोगिता का आयोजन किया था। लेकिन विपक्ष का एक भी नेता उस समय ई वी एम को हैक करने के लिए नहीं पहुंचा। इसी से साबित होता है कि विपक्ष के पास सनसनी फैलाने के अलावा कहने के लिए कुछ नहीं है। ई वी एम की हैकिंग संबन्धी एक साइबर विशेषज्ञ के दावे को लेकर कांग्रेस ने फिर कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में वीवीपैट की कम से कम 50 प्रतिशत पर्चियों का मिलान सुनिश्चित किया जाए। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के आरोपों को खारिज करते हुए यह भी कहा कि लंदन के हैकथॉन में कपिल सिब्बल की मौजूदगी से कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ई वी एम को लेकर सभी विपक्षी दलों ने अपनी आशंकाएं जताई हैं। पहले ही इस सिलसिले में चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया गया था। मांग की गई थी कि मत पत्र से दोबारा चुनाव कराए जाएं। कई देश ई वी एम से फिर मत पत्र की तरफ लौटे हैं | शर्मा ने प्रसाद के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि रविशंकर प्रसाद जी ख़ुशफहमी में हैं। इस सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इनकी विदाई निश्चित है। उन्होंने कहा कि हम मत पत्र की मांग पर कायम हैं। लेकिन समय कम है। इसलिए 50 फीसदी पर्चियों को मिलाना सुनिश्चित किया जाएं। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि लंदन में आयोजित हैकथॉन को कांग्रेस समर्पित लोगों ने आयोजित किया था और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल उसकी मॉनिटरिंग के लिए वहां गए थे। दूसरी ओर कपिल सिब्बल ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके सफाई दी है। सिब्बल ने कहा कि वे किसी निजी काम से लंदन गए हुए थे। साथ ही कहा कि मुझे प्रोग्राम में बुलाया गया तो मैं चला गया। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आशीष रे का ईमेल भी आया था। कपिल सिब्बल ने कहा कि जो आरोप उसने [ सैयद शुजाअ ने ] लगाए हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। अगर कोई आरोप लगा रहा है तो यह पता करना जरूरी है कि आरोप सही हैं या नहीं। अगर आरोप गलत हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई करिए। अगर आरोप सही हैं तो यह बहुत गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का मुद्दा है। मुद्दा यह है कि क्या ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। यह भारत के लोकतंत्र के अस्तित्व से संबंधित मुद्दा भी है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूरी दुनिया ई वीए म से दूर जा रही है। बड़े देश फिर से बैलेट सिस्टम पर आ रहे हैं। केवल भारत, कांगो और अफ्रीका के कुछ देश ई वी एम से चुनाव करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि अब एक दो माह में बैलेट से चुनाव कराना संभव नहीं है, लेकिन वोटिंग प्रक्रिया को सुरक्षात्मक और भरोसेमंद बनाने के लिए वीवीपैट का अधिकतम इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आरजेडी के प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि चुनाव आयोग को संविधान में साफ और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई है। उसे ई वी एम की रक्षा करने के लिए नही कहा गया है। ई वी एम केवल एक माध्यम है। इस तरह के खुलासों के बाद ई वी एम की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आ गई है। ऐसे में चुनाव आयोग को एक बार फिर बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव कराने पर विचार करना चाहिए। ई वी एम में गड़बड़ी के दावों के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गत 22 जनवरी 2019 को कहा कि ‘अगर सब कुछ ठीक है तो जापान जैसे विज्ञान और तकनीकी रूप से विकसित देश मशीन का इस्तेमाल क्यों नहीं करते/ जरूरी है कि देश के लोकतंत्र पर जनता का भरोसा हो |’ अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर कर रही है और विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिये ऐसा किया जा रहा है | आम आदमी पार्टी (आप) ने विगत 23 जनवरी 2019 को आगामी लोकसभा चुनाव में पुराने, आजमाए जा चुके बैलट पेपर का फिर से इस्तेमाल किए जाने की मांग की | पार्टी ने मांग न पूरी होने की स्थिति में सभी विपक्षी दलों से चुनाव का बहिष्कार करने का आह्वान किया | आप के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि ‘लोकतंत्र को बचाने और चुनाव प्रक्रिया में एक बार फिर लोगों का विश्वास स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है |’ आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि ताज़ा खुलासों से स्पष्ट रूप से ई वी एम की निष्पक्षता धूमिल हुई है और इसलिए इसकी जगह बैलट पेपर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए | उन्होंने कहा, “इससे पता चलता है कि ई वी एम का लाभ सत्तारूढ़ भाजपा को मिल रहा है और यह विपक्ष को खेल के मैदान से दूर ले जा रही है |” उत्तर प्रदेश की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने दावा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि ई वी एम से छेड़छाड़ हो सकती है | पार्टी ने ई वी एम की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों से मांग की है कि वे भारत के चुनाव आयोग को यह लिखित में दें कि अगर ईवीएम का इस्तेमाल चुनावों के लिए किया गया तो वे आगामी लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे |” आप नेता अरविंद झा ने कहा कि ईवीएम की मूल डिजाइन में किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है। लेकिन इसका रखरखाव करने से लेकर अन्य किसी स्तर पर चिप लगाने के बाद इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है। प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ”ई वी एम से चुनाव कराने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसे वीवीपैट से जोड़ना अनिवार्य होना चाहिए।” सच है कि बड़े पैमाने पर हेराफेरी और बूथ कैप्चरिंग से बचने के लिए ई वी एम मशीनों से चुनाव अति आवश्यक है | अलबत्ता पचास प्रतिशत पर्चियों के मिलान की कांग्रेसी मांग मानी जा सकती है | हमें ओछे हथकंडों से हर क़ीमत पर बचना होगा और सरकार को इन्हें अपनानेवालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए | झूठी बातों को मीडिया में भी स्थान नहीं मिलना चाहिए |

– Dr RP Srivastava, Editor-in-Chief,”Bharatiya Sanvad”

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