राम पाल श्रीवास्तव जी की समीक्षात्मक पुस्तक ‘नई समीक्षा के सोपान’ प्राप्त हुआ है। जिसमें मेरे काव्य संग्रह ‘एक मुश्किल समय में’ पर भी उन्होंने एक आलेख लिखा है। मैं उनका तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। इस समीक्षात्मक कृति में 31 लेख सम्मिलित किए गए हैं। जो भिन्न-भिन्न लेखकों की रचनाओं पर बहुत साफगोई से प्रकाश डालते हैं।
राम पाल श्रीवास्तव जी मैनडीह, बलरामपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इनकी शैक्षणिक उपलब्धियाँ मील का पत्थर हैं। वह उच्च कोटि के कवि, लेखक, समीक्षक, उपन्यासकार और पत्रकार हैं। राम पाल श्रीवास्तव जी लगभग एक दर्जन कृतियों के प्रणेता हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में ‘शब्द-शब्द’, ‘अँधेरे के खिलाफ’, ‘जित देखूँ तित लाल,’ ‘बचे हुए पृष्ठ’ तथा ‘त्राहिमाम युगे युगे’ इत्यादि प्रमुख हैं। अनेक पुरस्कारों से सुशोभित राम पाल श्रीवास्तव जी सहज, सरल और सौम्य प्रकृति के इंसान हैं।
अपनी इस आलोचनात्मक कृति को आदरणीय राम पाल श्रीवास्तव जी ने विष्णु प्रभाकर को समर्पित किया है। ‘शुभदा बुक्स’ प्रकाशन से पेपरबैक में प्रकाशित 179 पेज की 280 रुपये मूल्य वाली यह पुस्तक अमेज़ॉन पर भी उपलब्ध है। यह पठनीय और संग्रहणीय पुस्तक है। जो शोध के क्षेत्र में मील का एक पत्थर है। यह शोधार्थियों के लिए अधुनातन साहित्य के नये गवाक्ष खोलती है। राम पाल श्रीवास्तव जी हमारे समय के सजग साहित्यकार हैं। उन्हें तबीयत से पढ़ा जाना चाहिए।
"जित देखूं तित लाल" की सुखद अनुभूति 21 पुस्तकों की समीक्षा पढ़ने का मतलब आपने 21 पुस्तकों को पढ़ भी लिया और समझ भी लिया यानी मुफ्त में इतनी सारी पुस्तकें पढ़ने…
"त्राहिमाम युगे युगे" - एक कालजयी रचना राम पाल श्रीवास्तव जी का उपन्यास 'त्राहिमाम युगे युगे' प्राप्त हुआ है। 'त्राहिमाम युगे युगे' एक संस्कृत वाक्यांश है। जिसका अर्थ है– "हे प्रभु, हर…
मैं कभी नहीं लिख पाऊंगा वह कविता...! .................... मैं सोचता हूं - मैं कभी नहीं लिख पाऊंगा वह कविता जो वृक्ष के सदृश है जिसके भूखे अधर लपलपा रहे धरा - स्वेदन…
" जित देखूँ तित लाल " - एक गंभीर वैचारिक स्वर पुस्तक :जित देखूं तित लाल द्वारा : राम पाल श्रीवास्तव प्रकाशन: शुभदा बुक्स शीर्षक समीक्षा का शाब्दिक अर्थ है सम्यक् परीक्षा, अन्वेषण । पुस्तक समीक्षा…
राम पाल श्रीवास्तव जी का उपन्यास ‘त्राहिमाम युगे युगे’ प्राप्त हुआ है। ‘त्राहिमाम युगे युगे’ एक संस्कृत वाक्यांश है। जिसका अर्थ है– “हे प्रभु, हर युग में मेरी रक्षा करो।” ‘त्राहिमाम युगे युगे’ न्यू वर्ल्ड Read more…
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नई समीक्षा के सोपान – एक उल्लेखनीय प्रतिक्रिया
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