अतिथि लेखक/पत्रकार

त्राहिमाम युगे युगे – ग्रामीण भारत का यथार्थ चित्रण 

राम पाल श्रीवास्तव जी का उपन्यास ‘त्राहिमाम युगे युगे’ प्राप्त हुआ है। ‘त्राहिमाम युगे युगे’ एक संस्कृत वाक्यांश है। जिसका अर्थ है– “हे प्रभु, हर युग में मेरी रक्षा करो।” ‘त्राहिमाम युगे युगे’ न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन, नई दिल्ली से प्रकाशित एक बहुत ख़ूबसूरत क़िताब है। जिसकी साज-सज्जा और बाइंडिंग क़ाबिल-ए-तारीफ़ Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

नई समीक्षा के सोपान – एक उल्लेखनीय प्रतिक्रिया 

राम पाल श्रीवास्तव जी की समीक्षात्मक पुस्तक ‘नई समीक्षा के सोपान’ प्राप्त हुआ है। जिसमें मेरे काव्य संग्रह ‘एक मुश्किल समय में’ पर भी उन्होंने एक आलेख लिखा है। मैं उनका तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। इस समीक्षात्मक कृति में 31 लेख सम्मिलित किए गए हैं। जो भिन्न-भिन्न लेखकों Read more…