
त्राहिमाम युगे युगे – ग्रामीण भारत का यथार्थ चित्रण
राम पाल श्रीवास्तव जी का उपन्यास 'त्राहिमाम युगे युगे' प्राप्त हुआ है। 'त्राहिमाम युगे युगे' एक संस्कृत वाक्यांश है। जिसका अर्थ है– "हे प्रभु, हर युग में मेरी रक्षा करो।" ...
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नई समीक्षा के सोपान – एक उल्लेखनीय प्रतिक्रिया
राम पाल श्रीवास्तव जी की समीक्षात्मक पुस्तक 'नई समीक्षा के सोपान' प्राप्त हुआ है। जिसमें मेरे काव्य संग्रह 'एक मुश्किल समय में' पर भी उन्होंने एक आलेख लिखा है। मैं ...
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“नई समीक्षा के सोपान” की निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता
वरिष्ट लेखक पत्रकार रामपाल श्रीवास्तव जी की नवीनतम पुस्तक समीक्षा संग्रह "नई समीक्षा के सोपान " जिनमें 31 पुस्तकों की ख्यातप्राप्त रचनाकारों द्वारा रचित कविता संग्रह, कहानी संग्रह और उपन्यास ...
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श्याम लाल पथरकट – तराई के महान सेनानी
मेरे पिताजी स्व० श्याम लाल पथरकट की तराई के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में अग्रिम पंक्ति में गणना की जाती है। उन्होंने जिस साहस और पराक्रम का परिचय दिया और भारत माता ...
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“त्राहिमाम युगे युगे” – एक कालजयी रचना
राम पाल श्रीवास्तव जी का उपन्यास 'त्राहिमाम युगे युगे' प्राप्त हुआ है। 'त्राहिमाम युगे युगे' एक संस्कृत वाक्यांश है। जिसका अर्थ है– "हे प्रभु, हर युग में मेरी रक्षा करो।" ...
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“त्राहिमाम युगे युगे” – आंचलिक पृष्ठभूमि का सफल उपन्यास
कृति : त्राहिमाम युगे-युगे कृतिकार : राम पाल श्रीवास्तव संपर्क : 81729 63091 प्रकाशक : न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन, दिल्ली पृष्ठ - 232 मूल्य-425/ समीक्षक : नरेन्द्र कुमार सिंह ( संपादक ...
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त्राहिमाम युगे-युगे : एक प्रयोगात्मक उपन्यास
यह उपन्यास एक नए प्रयोग के कारण अन्य भारतीय उपन्यासों से अलग है। उपन्यास में शीर्षक देना तथा छोटी-छोटी घटनाओं को जोड़ते हुए अध्यायों का शक्ल देते हुए समुचित आकार ...
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“जित देखूं तित लाल” की सुखद अनुभूति
21 पुस्तकों की समीक्षा पढ़ने का मतलब आपने 21 पुस्तकों को पढ़ भी लिया और समझ भी लिया यानी मुफ्त में इतनी सारी पुस्तकें पढ़ने को मिल गयीं, ये दूसरी ...
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“त्राहिमाम युगे युगे” – सच्चाई की खुली दास्तान
"त्राहिमाम युगे युगे" सच्चाई से रूबरू कराता एक उपन्यास:-जाने माने पत्रकार,कवि,लेखक,अनुवादक व हिंदी,उर्दू,फ़ारसी भाषाओं के सिद्धहस्त कलमकार श्री रामपाल श्रीवास्तव की न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन, दिल्ली से सद्यः प्रकाशित उपन्यास"त्राहिमाम युगे ...
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‘त्राहिमाम युगे युगे’- युगीन मनोभावों का सफल चित्रण
उपन्यास ‘त्राहिमाम युगे युगे’ को पढ़ने और उस पर पाठकीय प्रतिक्रिया लिखने का अवसर मिला | ‘त्राहिमाम युगे युगे’ एक उपन्यास है जिसे जनपद बलरामपुर में जन्मे श्री रामपाल श्रीवास्तव ...
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अनुचेतना के नए आयामों से प्राणवान “एक सागर अंजलि में”
कविता क्या है ? यही ना, मनुष्य की असीम उत्कंठा की पूर्ति। गहन अभाव ही इसका बीज-तत्व है। निश्चय ही जब यह अभाव लोकोत्तर रूप ग्रहण कर लेता है, तब ...
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मनोरम कल्पना और हृदयग्राही उपमाओं से सज्जित “प्रकृति के प्रेम पत्र”
संसार में प्रेम ही ऐसा परम तत्व है, जो जीवन का तारणहार है। यही मुक्ति और बाधाओं की गांठें खोलता है और नवजीवन का मार्ग प्रशस्त करता है। यह अलभ्य ...
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