खासमखास

” कविता में जीते हुए ” पारमार्थिक सृजन 

पिछले कई दशकों से साहित्य-साधना में लगे पंजाब के चर्चित कवि, आलोचक एवं चिंतक राकेश प्रेम की कविता-संग्रह ” कविता में जीते हुए ” हस्तगत हुआ | यह मेरे लिए किसी अमूल्य उपहार से कम नहीं है | जीवन के तमाम अनुभवों और अनुभूतियों के साथ  कविता में कैसे जिया Read more…