खासमखास

सद्भाव के अग्रदूत – स्वामी महेश्वरानन्द सरस्वती

साम्प्रदायिकता , घृणा एवं कट्टरवाद के घोर विरोधी थे स्वामी जी स्वामी महेश्वरानन्द सरस्वती जी के परलोकगमन के 17 वर्ष पूरे होने वाले हैं | मगर आज भी वे लोगों के दिलों में बसते हैं | आज के युग में बढ़ती साम्प्रदायिकता और कट्टरवाद ने उनकी जीवन शैली और व्यवहारों Read more…

खासमखास

बढ़ती गरीबी से देश को लगा बैक गियर

हमारे देश में गरीबी के आंकडे बड़े भयावह हैं | इन आंकड़ों की असलियत और सच्चाई पर बार – बार उठनेवाले सवालों के बावजूद देश की गरीबी और बदहाली को छिपाया नहीं जा सका है | सर्वेक्षणों में यह बात नुमायाँ तौर पर सामने आयी है कि 1991 में तत्कालीन Read more…

खासमखास

मोदी सरकार के तीन साल – जनाकांक्षा की अनुकूलता एवं उत्तम कार्य कुशलता का बेहतरीन नमूना

16 मई 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं। इन तीन सालों में सरकार के कामकाज, नक्सल, बेरोजगारी, बढ़ते अपराध आदि समस्याअों को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ही ट्विटर पर यूजर्स ने मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने मोदी Read more…

खासमखास

महान राष्ट्रवादी सम्राट सुहलदेव राजभर

ग्यारहवी सदी के प्रारंभिक काल मे भारत मे एक घटना घटी जिसके नायक श्रावस्ती सम्राट वीर सुहलदेव राजभर थे ! राष्ट्रवादियों पर लिखा हुआ कोई भी साहित्य तब तक पूर्ण नहीं कहलाएगा जब तक उसमे राष्ट्रवीर श्रावस्ती सम्राट वीर सुहलदेव राजभर की वीर गाथा शामिल न हो | कहानियों के Read more…

खबरनामा

फकीरों की बस्ती में गुरु नानक देव और भाई मरदाना

बाबा नानक के जीवन में ऐसा उल्लेख है कि वे अपनी अनंत यात्राओं में विदेश यात्राएं भी कीं | मक्का में काबा तक भी गये | अरब वे एक ऐसे गांव के पास पहुंचे जो फकीरों की ही बस्ती थी। सूफियों का गांव था। और उन सूफी दरवेशों का जो Read more…