साहित्य
परस्पर संवाद करो , वार्तालाप करो
सद्भाव समय की बड़ी आवश्यकता है | कुछ लोगों का यह कथन नितांत उचित एवं सहमतियोग्य है कि ” सभी को सभी धर्मों के ग्रन्थ पढ़ने चाहिए जिससे सांप्रदायिक सद्भाव और बढ़े “.इससे आगे की थोड़ी बात मैं अपने निकट मित्र एवं वरिष्ठ लेखक – कवि डा . ज्ञानचन्द्र जी Read more…