बलरामपुर ज़िले के नेपाल सीमावर्ती सुहेलवा जंगल से सटे मैनडीह, टेंगनवार , बड़की टेंगनवार और ख़वासपुरवा आदि गांवों में इन दिनों तेंदुओं के आतंक व हमलों से ग्रामीण बुरी तरह भयभीत हैं | इन गांवों में एक से अधिक तेंदुए आए दिन मवेशियों और कुत्तों आदि को निवाला बना रहे हैं | ग्रामीण डरे – सहमे रहते हैं कि कहीं तेंदुआ उन पर न हमला कर दे | तेंदुआ कई बार ग्रामीणों पर भी झपटा है , लेकिन सौभाग्य से वे बच निकले | तेंदुआ इतना ढीढ है कि अपने शिकार के लिए घर तक में घुस जाता है |

गत 19 / 20 जून 2019 की रात को लगभग साढ़े बारह बजे | तेंदुआ हर्रैया थानांतर्गत मैनडीह गांव में एम एल के कालेज , बलरामपुर के पूर्व प्राचार्य डॉ. आर बी श्रीवास्तव के घर में घुस आया और कुत्ते को अपना निवाला बना डाला | जब घर घर की रखवाली क़र रहे राम समुझ यादव और धनी राम यादव ने उसे भगाने की कोशिश की, तो वह उनकी ओर भी झपटा |  मगर ये लोग छत पर थे , इसलिए सुरक्षित बच गए | राम समुझ ने बताया कि पिछले दिनों जब वह रात में लघुशंका के निमित्त घर से निकला, तो तेंदुआ आ गया | जब उसने शोर मचाया और उसके मुंह पर टॉर्च की रोशनी डाली , तो उसने दिशा बदल ली और राम समुझ भी भाग खड़ा हुआ | ऐसी घटनाएं इधर के जंगल से सटे गांवों में लगातार हो रही हैं , जिससे सारे ग्रामीण भयभीत हैं | ग्रामीणों ने सरकार से माँग की है कि तेंदुओं को पिंजरा लगवा कर अविलंब पकड़वाए | देखा गया है इस मामले में वन विभाग का रवैया बड़ा ही ढीला , चलताऊ और लचर रहता है , जिससे लोग खिन्न हैं | [ हमारे संवाददाता से ]

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