खासमखास

” उम्मीद की लौ ” – जीवन के चटक रंगों से सराबोर 

” उम्मीद की लौ ” मुझे काफ़ी समय पहले ही प्राप्त हो गई थी , लेकिन कुछ अपरिहार्य व्यस्तता के चलते इसे ठीक से न पढ़ सका और न ही इस बाबत सोच से बढ़कर कुछ अमली कोशिश ही कर सका | इधर के दिनों में इसको पढ़ लिया है Read more…