खबरनामा

देश में अम्न व इन्सानियत का संदेश – वक़्त की बड़ी ज़रूरत

देश के शुभचिंतकों , हितैषियों और विवेकशील लोगों को इस बात का शिद्दत से अहसास है कि हमारा देश इस समय सांप्रदायिकता की आग में तेज़ी से जलने लगा है | उन्हें इस बात की काफ़ी चिंता भी है कि अगर इस नकारात्मक प्रवृत्ति पर फ़ौरन रोक नहीं लगाई गयी , तो स्थिति काफ़ी गंभीर हो सकती Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

सार्थक पहल और सन्देश

पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की बहानेबाजी एवं आतंकवाद को लगातार प्रोत्साहन एवं पल्लवन देने की स्थितियों को देखते हुए यह आवश्यक हो गया था कि उसे न केवल सबक सिखाया जाए, बल्कि यह संदेश भी दिया जाए कि भारत अब उसकी चालबाजी में आने वाला नहीं है। इसके लिये Read more…

खासमखास

सरकारें हैं या मौत की सौदागर ?

आजकल बढ़ती बीमारियों और बढ़ते अपराध के पीछे शराब का बढ़ता सेवन है | बलात्कार की जितनी घटनाएं घट रही है हैं , उनके मूल कारणों में एक बड़ा कारण शराब का सेवन है . वास्तव में शराब बीमारियों की जननी है । मेडिकल साइंस ने इधर जाकर इसकी पुष्टि की Read more…

साहित्य

ग़रीब देश का लोकतंत्र

गणतन्त्र दिवस के सुअवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं – आज फिर स्व . रामचन्द्र राव होशिंग की दो कविताएं याद आ रही है , जिनमें से एक का शीर्षक है – ” गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या ” गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या विशाल परेड – पूर्वाभ्यास – Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

आर्थिक आरक्षण की सुबह

  नरेन्द्र मोदी सरकार ने आर्थिक निर्बलता के आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण देने का जो फैसला किया है वह निश्चित रूप से साहिसक कदम है, एक बड़ी राजनीतिक पहल है। इस फैसले से आर्थिक असमानता के साथ ही जातीय वैमनस्य को दूर करने की दिशा में नयी फ़जाएं उद्घाटित Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

आतंकी हमले की दसवीं बरसी पर महान संकल्प 

पूरे देश में दस साल पहले बम्बई में हुए आतंकी हमले की दसवीं बरसी पर इस घटना में मारे गये लोगों को भावपूर्ण श्रद्धाजंलि देते हुए उन्हें याद किया गया और इसकी पुनरावृत्ति न होने के लिए कड़ी निगहबानी करने का संकल्प लिया गया। यह हमला पाकिस्तान द्वारा 26/11/2008  में Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

राजनैतिक शतरंज की बिसात पर धूल- धूसरित होता विपक्षी महागठबंधन 

राजनीति उस शतरंज की उस चाल की बिसात की तरह मानी जाती है जिसमें जरा सी चूक होने पर खिलाड़ी चारोखाने चित्त हो जाता है और बना बनाया काम बिगड़ जाता है। आगामी वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इधर राजनैतिक गोट बिछाकर एक दूसरे को कमजोर कर चुनावी Read more…

खासमखास

भ्रष्टाचार – रिश्वतख़ोरी का अंत ऊपर से ही

हमारे देश में रिश्वत लेना और रिश्वत देना दोनों ग़ैर क़ानूनी है , अपराध है , फिर भी दोनों का लगातार फैलाव होता जा रहा है। इसी वर्ष 24 जुलाई को भ्रष्टाचार निवारण संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने और बाद में क़ानून बनने से ऐसा लगने लगा था कि Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

क्या इस बार भी यही नारा होगा ”बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार….सरकार ”? 

पेट्रोल डीजल की कीमतें नई ऊंचाई पर और डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर होने से आर्थिक स्तर पर आम भारतीयों का दम-खम सांसें भरने लगा है, जीवन दुश्वार हो गया है फिर चाहे हम जितनी भी ऊंची डींगें मारते फिरें कि भारत दुनिया की Read more…

अतिथि लेखक/पत्रकार

फंड खर्च करने में क्यों विफल हैं सरकारें ?

केन्द्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा समय-समय पर अनेक जटिल समस्याओं के समाधान एवं त्वरित विकास के लिये प्रभावी राशि के फण्ड की व्यवस्था की जाती रही है, लेकिन दुर्भाग्य से इन फण्डों का उपयोग नहीं हो रहा है। सांसद निधि हो या स्टार्टअप के लिये बनाये गये फण्ड की Read more…

देश-देशांतर

समलैंगिकता की ख़तरनाकी, अब नहीं बचेगी थाती

समलैंगिकता को अब अपराध की सूची से बाहर कर दिया गया है | सुप्रीम कोर्ट ने गत 6 सितंबर 2018 को अपने पुराने फ़ैसलों को पलटकर जनमानस को चौंका दिया | अब दो वयस्कों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंध अपराध नहीं रहे | सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश Read more…

खबरनामा

आखिर क्यों नहीं रुक रही ‘माब लिंचिंग’ ?

कभी गोमांस, गोकुशी तो कभी बच्चा चोरी की अफवाहों व बहानों से जान लेने का जो सिलसिला पिछले कुछ सालों से चल रहा है , उस पर रोक न लगना देश की क़ानून – व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल पैदा करता है | यह भी इन्तिहाई अफ़सोस की बात Read more…

खासमखास

112 वर्ष पुराने कॉसमॉस बैंक को ले उड़े हैकर, ख़ज़ाना ख़ाली, क्या महाजनी व्यवस्था लौटेगी ? 

एस बी आई और पंजाब नेशनल बैंक में साइबर सेंधमारी में लाखों रुपए की चपत लगने के बाद से ही हम बार – बार यह सुनते आए हैं कि सरकार बैंकिंग सुरक्षा को बढ़ा रही है | लेकिन अमलन यही हो रहा है कि साइबर अपराधी लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका Read more…