साहित्य

बच्चन सिंह को जितना मैंने जाना …..

मैं आदरणीय बच्चन सिंह जी का शुरू से प्रशंसक रहा हूँ। वजह साफ़ है। उनका अति सक्रिय होना। वे मौलिक रूप से तो थे पत्रकार , लेकिन साहित्यकार होना उनकी मौलिकता से बाहर न था। वे विभिन्न अखबारों में गुरुतर दायित्व निभाने के साथ ही एक समय ऐसा भी आया Read more…

साहित्य

संपादक नहीं ‘ तूफ़ान ‘ थे बच्चन सिंह

  मुझे कई नामचीन संपादकों के साथ काम करने का मौक़ा मिला | इन यशस्वी संपादकों में गुरुवर पंडित लक्ष्मी शंकर व्यास जी, गुरुवर चंद्र कुमार जी, बड़े भाई सत्य प्रकाश ‘असीम’ जी आदि के नाम हैं ही | बच्चन सिंह जी का नाम मैं इनमें क़तई नहीं जोड़ना चाहता हूँ, क्योंकि मैंने ‘ स्वतंत्र भारत Read more…